10 May 2009













सुबह की धुन
सुबह की आस
सुबह की ठंडक
सुबह की ताजगी
सुबह की चहचहाहट
सुबह की ख़ुश्बू
अभी सूरज निकला नहीं
कल की बारिश के बाद
धुली हुई रात से
अंधेरे का पर्दा हटा
सुबह आयी मुस्कुराती
नाइट शिफ्ट का यही
सबसे बड़ा फायदा है
सुबह देखने को मिल जाती है
सुबह-सुबह ही

22 comments:

महुवा said...

खूबसूरत...लगता है सुबह-सुबह जागने पर ही लिखा है इसे...!!
एकदम फ्रेश....!!

महुवा said...

भूल गयी थी,,,,सॉरी,,,,नाइट शिफ्ट के फायदे भी गिना रही थी ये कविता...तो सुबह जागने पर नहीं बल्कि नाइट शिफ्ट के बाद इसका जन्म हुआ है

Harshvardhan said...

bahut sundar .....achcha likha hai...nayi subah par is kavita ke liye aapka shukria....

ताऊ रामपुरिया said...

ये तो आपने नाईट शिफ़्ट के खूबसूरत फ़ायदे गिना दिये.

अगर नाईट शिफ़्ट कार्ने से इतनी सुंदर रचना का जन्म हो सकता है तो नाईट शिफ़्ट करना बहुत सौभाग्य की बात है.

पर कुछ बिरला ही इस ताजगी को महसूस कर पाते हैं जो आपने की. बहुत ताजगी वाली सुंदर रचना.

रामराम.

P.N. Subramanian said...

बहुत सुन्दर. night शिफ्ट के बाद सुबह प्यारी प्यारी नींद भी तो आती है.

Vinay said...

बहुत प्रभावकारी रचना है

Ashok Pandey said...

यह भी सही हे। नाइट शिफ्ट के ये फायदे तो हैं। लेकिन तभी, जब नाइट शिफ्ट 5 बजे भोर तक चले। जिन मीडियाकर्मियों की नाइट शिफ्ट 3 बजे तक ही चलती होगी, उनकी सुबह तो नींद में ही गुजर जाती होगी :)

admin said...

सुबह सुबह का बडा खूबसूरत चित्रण किया है आपने। मेरी समझ से इसका शीर्षक भी होना चाहिए सुबह सुबह।

-जाकिर अली रजनीश
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SBAI / TSALIIM

डॉ .अनुराग said...

सुबह .....अब भी हसीन है..

Udan Tashtari said...

वाह!! बहुत सुन्दर.

योगेन्द्र मौदगिल said...

अरे वाह... बहुत बढ़िया है ये सुबह-सुबह की कविता...

Mumukshh Ki Rachanain said...

सुबह देखने को मिल जाती है
सुबह-सुबह ही

सुबह का इतना सुन्दर नज़ारा , प्रकृति की उद्दात देन को देखने के लिए आपको नाईट शिफ्ट का इंतजार करना पड़ा, हम तो इसका आनंद बचपन से लेकर आज तक ल्रेते आ रहे हैं, सुबह पाच बजे ही उठाने की आदत जो है.

प्रकृति के मनोहारी द्रश्य के सुन्दर वर्णन पर आपका आभार.

चन्द्र मोहन गुप्त

vijay kumar sappatti said...

aapne itna accha shabd chitr pesh kiya hai ki bus poochiye mat ..

subah hamesha hi acchi hoti hai ..


badhai

pls vist my blog of poems :

http://poemsofvijay.blogspot.com

Regards
Vijay

कडुवासच said...

... सुन्दर अभिव्यक्ति !!!!!

Arshia Ali said...
This comment has been removed by the author.
Science Bloggers Association said...

आपकी ऐसी हर सुबह मुबारक हो।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

ओम आर्य said...

bahut khub........

Dr. Ashok Kumar Mishra said...

बहुत सुन्दर

कुमार विनोद said...

सुबह के इंतजार में
कट जाए रात आंखों ही आंखों में
बड़ा ही शायराना एहसास है
काश,
सुबह को भी एहसास होता इस बेसब्री का...

Dev said...

Mujhe subah ka sundar drishya aapki kavita ke madhtam se aanandit kar gaya...

Regards..
DevPalmistry : Lines Tell the Story Of ur Life

डिम्पल मल्होत्रा said...

सुबह देखने को मिल जाती है
सुबह-सुबह ही ..wow!kya baat kahi hai....

Science Bloggers Association said...

Is Shamaa ko Jalaaye rakkhen.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }