22 June 2015

कमाल की कंगना




वाह कंगना। फिल्म तनु वेड्स मनु पार्ट टु कई मामलों में कमाल है। हर किरदार ने अपना काम बखूबी किया है। बाकी अभिनेत्रियों से अलग हटकर कंगना रनोट ने इस फिल्म से एक नया मील का पत्थर जड़ दिया है। ये फिल्म पूरी तरह कंगना की है। बॉलीवुड हिरोइन्स की अदाएं, नाज़-नखरे तकरीबन तयशुदा बॉ़डी लैंग्वेज, फेशियल एक्सप्रेशन्स, आई एक्सप्रेशन्स होते हैं। इसलिए अभिनेत्रियों का फिल्मी सफ़र काफी छोटा भी होता है। कंगना इससे कहीं आगे जाती हैं। उनकी मुस्कान बॉलीवुडिया मुस्कान से अलग खिंचती है। अपने किरदार में समाते हुए वो वैसे ही हंसती है जैसे मोहल्ले की कोई छोकरी हंसती होगी। नाचने के दृश्यों में वो सबसे ज्यादा खुलकर सामने आती हैं। आम शादी-बारातों में जिस तरह अल्हड़ लड़के नाचते हैं, कंगना भी उसी जोश को दर्शाती है, इस कड़ी में मुझे वो लड़के और लड़कियों को बराबरी पर लाती भी नज़र आती हैं। मुझे महसूस होता है कि आमतौर पर शादी-बारात में लड़कियां नाचती तो हैं लेकिन वहां भी वो तयशुदा लटके-झटकों में ही नाचती हैं। खुलकर नहीं। तनु के किरदार में नाचती हुई कंगना उस दायरे को तोड़ती है और एक आम बाराती की तरह खूब जम के नाचती है। फिल्म का वो दृश्य भी खूब है जब सड़क पर जा रही बारात को देख वो बाइक से उतरती है, पूरे जोश में नाचती है और फिर आगे बढ़ जाती है। उस वक़्त उनके चेहरे पर एक्सप्रेशन तेज़ी से बदलते हैं। तेज़ी से बढ़ते कदम के साथ बारात की मस्ती की जगह चेहरे पर बेवफ़ाई का दर्द ढलता चला जाता है, कुछ क्षणों में आंखों की मस्ती की जगह चिंगारी भरती चली जाती है, गले से उतरकर चुन्नी कदमों में गिर जाती है। कंगना की तुलना कुछ-कुछ मशहूर पॉप स्टार शकीरा से करने का जी भी चाहता है। वही बेलौस अंदाज़, बिंदासपन।

हालांकि बॉलीवुड मेल डॉमिनेटेड है जहां अभिनेताओं की तुलना में अभिनेत्रियों को पैसे भी कम मिलते हैं और उनके किरदारों में वेराइटी भी कम होती है। बावजूद इसके कई अभिनेत्रियों ने अपनी अलग पहचान बनायी है। मधुबाला, मीना कुमारी से लेकर माधुरी दीक्षित, तब्बू, विद्याबालन तक ने अदाकारी के नए जौहर दिखाए हैं। ये अभिनेत्रियां अपने दम पर फिल्म को ले जाती हैं। बॉलीवुड में लव स्टोरीज़ से हटकर प्रयोगात्मक फिल्में भी बन रही हैं लेकिन माधुरी दीक्षित, तब्बू, विद्या बालन जैसी अदाकाराओं को अब भी लीक से हटकर स्क्रिप्ट पर काम करने के मौके बहुत नहीं मिलते।

कंगना ने क्वीन फिल्म में भी अपनी जबरदस्त एक्टिंग से आलोचकों की तारीफें बटोरी। तनु वेड्स मनु 2 ने तो उन्हें बेमिसाल बना दिया। अपने वक़्त की तमाम बॉलीवुड एक्ट्रेसेस से कहीं आगे पहुंचा दिया।
फिल्म के डबल रोल में कंगना अपने किरदार में इतना रमी हुई थीं कि दोनों बिलकुल जुदा कंगना लग रही थीं। ऐसा लगता ही नहीं कि दोनों लड़कियां एक ही हैं। हरियाणवी बोली तो क्या खूब पकड़ी। हरियाणवी एक्सेंट में उनके डायलॉग खूब जंचे। जब वो अपना परिचय देती है कि मैं स्टेट लेवल की चैंपियन हूं, शर्मा जी की अंगूठी वापस करती है या फिर फिल्म के अंत में शादी के आखिरी फेरे पर ठहरकर एक बार फिर शर्मा जी से पूछती है कि वो ये शादी सचमुच करना चाहते हैं या नहीं। तनु के किरदार में जहां उनकी आंखें चहकती-भागती फिरती हैं वहीं दत्तो के किरदार में वो ठहरी हुई, गहरी सी लगती हैं। हरियाणवी लड़की का किरदार छोटे शहरों की लड़कियों का उत्साह बढ़ानेवाला भी है।

फिल्म की कहानी तो मामूली ही थी लेकिन बुनावट इतनी बारीक और सुंदर कि शुरू से आखिर तक रवानगी बनी रही। फिल्म का वो सीन भी जबरदस्त था जब बेवफाई की चोट खाकर टिमटिमाती रात में वो झज्जर की  सड़कों पर आवारगी करती हैं, भटकती फिरती हैं।।  बैक ग्राउंड में गाना बज रहा है...जा-जा-जा रे बेवफा। बूढ़े हकीम को वो हाथ की लकीरें दिखाती हैं और ताबीज़ दिये जाने से पहले ही उठकर चल देती हैं।

बॉलीवुड में बाहर से आकर अपनी जगह बनाना आसान नहीं। करियर की शुरुआत से लीक से हटकर फिल्मों का चयन और हर फिल्म में पिछली फिल्म से बेहतर अदाकारी के साथ कंगना ने अपने लिए अलग राह बनायी है।  जो उन्हें उनके वक़्त की तमाम अभिनेत्रियों से अलग खड़ा करती है। फिल्म के तमाम किरदारों के साथ-साथ निर्देशक आनंद एल राय भी बधाई के पात्र हैं।

(चित्र गूगल से साभार)