17 May 2018

मेरी 6 साल की बेटी को ये पत्र






31 मई 2016
जब मेरी छह साल की बेटी सोलह की हो जाएगी, तो मैं उसे यह पत्र तोहफे के रूप में दूंगी। मैं उसे बताऊंगी कि बेटा जन्म देना तो आसान होता है लेकिन पालना मुश्किल। यूं तो शादी के बाद ही दफ्तर में महिलाओं के प्रति बाकि लोगों का रवैया बदल जाता है। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद वे तरह तरह के हथकंडे अपना कर ये साबित करने की कोशिश करते हैं कि एक मां बनते ही एक औरत की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं और वे दफ्तर में अपने कार्य में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पातीं। मैंने ऐसे तमाम लोगों की सोच को ख़ारिज किया। जब तुम मेरे गर्भ में पांच महीने की थी मैं नाइट शिफ्ट करती रही। तुम्हारे पैदा होने के पांचवे महीने मैं दफ्तर में थी, सच कहती हूं तुम्हें छोड़ कर आने में कलेजा छलनी होता था, लगता था कि तुम्हारे साथ कितना अन्याय कर रही हूं, फिर सोचती थी कि जब तुम बड़ी होगी तो समझोगी कि तुम्हारी मां ने ये सब सिर्फ अपने करियर के लिए ही नहीं किया, अस्तित्व के लिए किया। जब तुम पढ़ रही होगी, कई इम्तिहान दे चुकी होगी और कई और इम्तिहान बाकी होंगे, तुम जानोगी की इस समाज में बराबरी का हक़ हासिल करने के लिए आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होना कितना जरूरी है। मैं चाहूंगी कि तुम आत्मनिर्भर बनो। तुम्हे ढेर सारा प्यार।

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