24 June 2008

महात्मा गांधी हाज़िर हों

गांधी जी यूं तो कभी भूले नहीं, न जाएंगे। मुन्नाभाई की गांधीगीरी ने उनके भुलाए जा चुके रास्ते की याद दिला दी। उस फिल्म के बाद गांधी जी एक नए स्टाइल में सामने आ गए, जिससे नई पीढ़ी भी खुद को जोड़ पाई। सुना है कि आइन्स्टाइन ने कहा था कि - हज़ारों साल बाद भी लोग गांधी जी को याद करेंगे कि इस हाड़-मांस के आदमी ने भारत को आज़ादी दिलाई थी। हाल ही में टॉम हैंक्स की एक फिल्म में एक सीन में एक भारतीय को गांधी कहकर संबोधित किया गया। उस सीन में जिसका मतलब भारतीय होना यानी गांधी होना था। गांधी जी भारतीयता की पहचान हैं। झारखंड के एक नक्सलवादी इलाके पर एक ख़बरिया चैनल की रिपोर्ट में बहुत सारे नक्सलवादियों और नक्सलवादी नेताओं से गांधी के बारे में पूछा गया, वो बापू को नहीं जानते थे हां गांधी के नाम पर इंदिरा गांधी को उन्होंने जरूर सुन रखा था। गांधी जी आज फिर इसलिए याद आए क्योंकि उन्हें अहमदाबाद में एसबीआई के प्री-इग्जामिनेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए बुलाया गया है। उन्हें ट्रेनिंग कैंप में उपस्थित रहने को कहा गया है। ये ट्रेनिंग कैंप बैंक के क्लर्क्स के लिए आयोजित किया गया है। पता नहीं बापू इस परीक्षा में पास हो पाएंगे या नहीं।

3 comments:

आलोक साहिल said...

वर्षा जी,बहुत ही सही विमर्श है.
एक तरफ़ तो वो परदेश वाले जो हमें गांधी के नाते ही जानते हैं(बहुत जरुरी नहीं,फ़िर भी),दूसरे हम ख़ुद ही गाँधी से अनजान हैं,जानते भी हैं तो सिर्फ़ इस नाम को न कि काम को,दुर्भाग्य.........
आलोक सिंह "साहिल"

महेन said...

बापू कहां कभी पास या फ़ेल हुए है भई? अच्छा लगा जानकर कि आप भी यहां हैं।
शुभम।

पी के शर्मा said...

आपने गांधी जी का जिक्र किया तो मुझे उनसे संबंधित अपनी रचना के अंश याद आ गये।
पढि़ये आप भी प्रतिक्रिया ही समझें।

गांधी की आत्‍मा ने मेरे देश के नेता से पूछा एक सवाल, साथ ही नेता जी का जवाब सुनिये--

सवाल - जो गणतंत्र मैंने तुम्‍हें दिया
उसका तुमने क्‍या किया
सुना है बंदर बांट चलती है
हमें ये बात खलती है

जवाब - हे संपूर्ण देश के सरकारी बापू
बंदर बांट का तुम्‍हें क्‍या गिला है
कुछ हिस्‍सा तो तुम्‍हें भी मिला है
ये सच है कि तूने हमें राजपाट दिया है
मगर मत भूलो--
हमने भी तुम्‍हें राजघाट दिया है