05 April 2009

एक कतरा ज़िंदगी
कभी आंसू
कभी हंसी
*

कोशिश
उठे, चले, बढ़े
खोया, खोया, पाया
रुकते-रुकते पहुंचे
वो रही
मंज़िल
*

कल तुम हंसते थे
मैं हंसती थी
तुम रोते थे
मैं रोती थी
हम थे साथ-साथ
अब भी हम हंसते-रोते हैं
अब हम अलग-अलग
*

दो में दो जोड़ कर चार बना लिया
कभी-कभी पांच भी
दो में से दो घटाकर शून्य बना लिया
कभी-कभी एक भी
वो हिसाब हमारा था
मम्मी-पापा के दिये पैसों में हेरफेर कर लेने का
अब हमारा अपना-अपना बटुआ है
अब हिसाब पक्का है
दो और दो सिर्फ चार होते हैं, पांच नहीं
*

तुम सिर्फ ख़ुश होना चाहती हो
तुम दुखी रहती हो
तुम सिर्फ हंसाना चाहती हो
तुम रोती रहती हो
तुम सब अच्छा-अच्छा चाहती हो
तुम्हें सब बुरा-बुरा लगता है
तुम बदलो
चीजें बदलेंगी

10 comments:

P.N. Subramanian said...

बिलकुल सही. तुम बदलो. सुन्दर रचना. आभार.

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना है। बधाई स्वीकारें।जीवन के बहुत पास,सच्चाई बयान करती रचना है।

mehek said...

bahut hi sunder saari rachaye.

राज भाटिय़ा said...

अति सुंदर रचना.
धन्यवाद

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर रचना है ... बधाई।

महुवा said...

तुम सिर्फ ख़ुश होना चाहती हो....
तुम दुखी रहती हो....
तुम सिर्फ हंसाना चाहती हो....
तुम रोती रहती हो....
तुम सब अच्छा-अच्छा चाहती हो...
तुम्हें सब बुरा-बुरा लगता है........



ऐसा क्यों होता है.....

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर रचना. शुभकामनाएं.

रामराम.

संध्या आर्य said...

तुम सिर्फ ख़ुश होना चाहती हो....
तुम दुखी रहती हो....
तुम सिर्फ हंसाना चाहती हो....
तुम रोती रहती हो....
तुम सब अच्छा-अच्छा चाहती हो...
तुम्हें सब बुरा-बुरा लगता है........


कौन सही है और कौन गलत पता ही नही चलता है,जिन्दगी मे हसरतो का होना सही है या हसरतो को पाना,पता ही नही चलता !

ओम आर्य said...

कल तुम हंसते थे
मैं हंसती थी
तुम रोते थे
मैं रोती थी
हम थे साथ-साथ
अब भी हम हंसते-रोते हैं
अब हम अलग-अलग

Nice

Unknown said...

अच्छी कविता हे../ पड़कर बहुत खुशी हुई / "तुम बदलो चीजें बदलेंगी " beautiful... liked it very much...

अच्छी लेखनी हे..../ पड़कर बहुत खुशी हुई.../ आप कौनसी हिन्दी टाइपिंग टूल यूज़ करते हे..? मे रीसेंट्ली यूज़र फ्रेंड्ली इंडियन लॅंग्वेज टाइपिंग टूल केलिए सर्च कर रहा था तो मूज़े मिला.... " क्विलपॅड " / ये बहुत आसान हे और यूज़र फ्रेंड्ली भी हे / इसमे तो 9 भारतीया भाषा हे और रिच टेक्स्ट एडिटर भी हे / आप भी " क्विलपॅड " www.quillpad.in यूज़ करते हे क्या...?