सारस के बारे में कुछ मोटी-मोटी जानकारी। पूरी दुनिया में क़रीब 8500 सारस हैं, इनमें से 90फीसदी भारत में हैं और भारत में सारस का सबसे बड़ा बसेरा उत्तर प्रदेश में है। यूपी में इटावा-मैनपुरी बेल्ट में सबसे ज्यादा क़रीब 2500 सारस हैं। पक्षियों में सबसे बड़े आकार वाला सारस भी इनडेन्जर्ड स्पिशीज़ में शामिल है। बुंदेलखंड में आनेवाले इटावा-मैनपुरी बेल्ट में सूखे का संकट सारस पर भी पड़ा है। सारस पानी के ईर्द-गिर्द रहते हैं, झील-तालाब के पास ये अपना बसेरा बनाते हैं। अब झील-तालाब सूख रहे हैं और इसका असर सारस पर भी पड़ रहा है, प्यास से सारस की मौत की ख़बरें भी सुनने को मिली हैं। अंडे देने के लिए धान के खेत में अपना घोसला बनानेवाले इस पक्षी को अब किसान अपना शत्रु मानने लगे हैं, जो पहले किसानों का मित्र हुआ करता था, क्योंकि फसल में लगनेवाले कींड़ों को ये अपना भोजन बना लेता था। लेकिन सारस जहां रहता है उसके 4 से 5 मीटर के दायरे में फसल बर्बाद कर देता है, इसलिए किसान अपने खेतों में सारस को घोसला बनाने से रोकत हैं। वैसे झील-तालाब समेत जहां सारस रहते हैं वो ज़मीन भी इनके नाम है लेकिन गर्मी के दिनों में जब पानी सूख जाता है तो किसान उस ज़मीन पर पट्टे पर खेती शुरू कर देते हैं जो कि अवैध है। सारस को बचाने के लिए झील-तालाबों को जिंदा रखना होगा। नहीं तो धरती का ये सबसे बड़ा पक्षी अलविदा कह देगा।
2 comments:
अच्छी जानकारी.
कितनी ही प्रजातियाँ इसी तरह लुप्त होने के कागार पर हैं.
बढ़िया जानकारी दी वर्षा जी। आपकी चिन्ताओं में हम शामिल हैं.
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